Friday, 26 May 2017

Teri yaado ko seeno me chipaye baithe hai



तू नहीं सही पर तेरी खुशबुओं को पलकों पर सजाए बैठे हैं,
हमारे लिए तन्हाई भी महफिल है अब
क्योंकि तेरी यादों को सीने में छिपाए बैठे हैं।

Sunday, 21 May 2017

Saala kya samai chal raha hai



साला क्या समय चल रहा है …..

खाते है तो पचता नहीं..

कमाते है तो बचता नहीं ..

ऐसा लगता है कि…
बटुऐ में नाथुराम गोडसे बैठा है

गाँधी जी  को 
रहने ही नहीं देता है।

Wednesday, 17 May 2017

Yun hee ham dil ko saaf rakha karate the


युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे…
पता नही था की, ‘किमत चेहरों की होती है’ 

yun hee ham dil ko saaf rakha karate the…
pata nahee tha kee, ‘kimat cheharon kee hotee hai’


ENGLISH

We used to keep the heart clean ... 
we did not know that 'the price is of the faces'

Monday, 15 May 2017

Happy Mother's Day



मांग लूँ यह मन्नत कि फिर यही जहाँ
मिले.
.
.
फिर यही गोद , फिर यही 'माँ' मिले. 
♥ Happy Mother's Day♥

Monday, 8 May 2017

Tu hosh mein thee phir bhee hamen pahachaan na paayee



तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,

एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे.


Sunday, 7 May 2017

Log to mahaphil mein bas dil dukhaane aate hain



लोग तो महफिल में बस दिल दुखाने आते हैं......

उन्हें क्या खबर दिलजले हर गम सह जाते हैं......


Thursday, 4 May 2017

bhaarat ka aanchal svachchh rahe ,ham daagee bhee ho sakate hai,


भारत का आँचल स्वच्छ रहे ,हम दागी भी हो सकते है,
दिल्ली गर यूँ ही मौन रही,हम बागी भी हो सकते हैं,

थप्पड़ खाएं गद्दारों के,हम इतने भी मजबूर नही,
हम भारत माँ के सैनिक हैं,कोई बंधुआ मजदूर नहीं,

अब और नही लाचार करो,हम जीते जी मर जायेंगे,
दर्पण में देख न पाएंगे,निज वर्दी पर शर्मायेंगे,

Tuesday, 2 May 2017

Kya khub likha hai kisi ne



क्या खूब लिखा है किसी ने...🖊
आगे सफर था और पीछे हमसफर था...🖊
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...🖊
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...🖊
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...🖊
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते...🖊
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था...🖊
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...🖊
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए...🖊
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए...🖊
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता...🖊
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता🖊
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...🖊
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर...🖊
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...🖊
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...🖊
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया...🖊
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा...🖊
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ...🖊
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है...🖊
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...🖊
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...🖊
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी...🖊
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की...🖊
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है...🖊
हंसने की इच्छा ना हो,
तो भी हसना पड़ता है...🖊
.
कोई जब पूछे कैसे हो..?
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...🖊
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों,
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है...🖊
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...🖊
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे हैं की
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं...🖊
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं...🖊
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ,
कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम...🖊
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने,
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम...🖊
अगर दिल को छू जाये तो शेयर जरूर करे...

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