Thursday, 4 May 2017

bhaarat ka aanchal svachchh rahe ,ham daagee bhee ho sakate hai,


भारत का आँचल स्वच्छ रहे ,हम दागी भी हो सकते है,
दिल्ली गर यूँ ही मौन रही,हम बागी भी हो सकते हैं,

थप्पड़ खाएं गद्दारों के,हम इतने भी मजबूर नही,
हम भारत माँ के सैनिक हैं,कोई बंधुआ मजदूर नहीं,

अब और नही लाचार करो,हम जीते जी मर जायेंगे,
दर्पण में देख न पाएंगे,निज वर्दी पर शर्मायेंगे,

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